पत्रांक
सेवा में,
जिलाधिकारी महोदय लखीमपुर खीरी।
जिला अधिकारी महोदय बहराइच।
जिला अधिकारी महोदय पीलीभीत।
द्वारा प्रेषित,
वन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार।
वन्य जीव संरक्षण विभाग उत्तर प्रदेश
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार।
विषयः जनपद लखीमपुर खीरी तराई क्षेत्र पीलीभीत, बहराइच के दुधवा नेशनल पार्क, किशनपुर वन्य जीव अभ्यारण और कतर्नियाघाट से संबंधित समस्याओं के हिंदी पिटारा के संबंध में।
महोदय,
बहुआयामी राजनीतिक दल से जुड़े जनपद लखीमपुर खीरी के पदाधिकारियों के सर्वे तथा विभिन्न प्रकार की पत्र-पत्रिकाओं के अनुसार जानकारी निकलकर आ रही है कि जनपद लखीमपुर खीरी जोकि अवध प्रांत का तराई क्षेत्र है जिसके जनपद पीलीभीत, बहराइच व लखीमपुर खीरी को मिलाकर अधिकतर वन्य जीव वन क्षेत्र सम्मिलित है जिसमें दुधवा नेशनल पार्क, गोला व मैलानी वन बेल्ट सेंचुरी, किशनपुर वन्य जीव सेंचुरो, कतर्नियाघाट घाट, बहराइच का मोतीपुर वन बेल्ट सेंचुरी पीलीभीत वन सेंचुरी, आदि प्रमुख है जो कि लगभग 2000 वर्ग किलोमीटर से अधिक में फैला हुआ है ऐसे में वनों में विभिन्न प्रकार की वन्य जीव प्रजातियां लंबे समय से निवास करती चली आई हैं जिनमें से अनेक लुप्त प्राय हैं। सन 1977 में अर्जुन बेली के द्वारा स्थापित विधवा नेशनल पार्क जिसका वर्तमान क्षेत्रफल 490 वर्ग किलोमीटर जिसको 1987 से 88 के दशक किशनपुर वन्यजीव दुधवा टाइगर रिजर्व के रूप में सामिल किया गया जिसका वन्य जीव वातावरण जिसकी वर्षा 150 से 182mm एमएम तथा ऊंचाई 15mm एमएम की वर्षा होती है जिसका सर्दियों में न्यूनतम तापमान 4 से 8 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस है जिसमें 400 से अधिक प्रकार की प्रजातियां निवास कर रही हैं जोकि विभिन्न प्रकार की प्रजातियों तथा विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों के प्रजनन व संरक्षण के लिए अति महत्वपूर्ण है
ऐसे में लंबे दशक से विभिन्न प्रकार की पत्र-पत्रिकाओं में अनेक नकारात्मक प्रश्न्नचिन्ह लगाते हुए लेखों का प्रकाशन किया गया है जिनमें से तेजी के साथ जानवरों की बढ़ती तस्करी दुधवा नेशनल पार्क में एकाएक बढ़ाए जाने वाला प्रवेश शुल्क सफारी गाड़ी का किराया जो कि 1700 से बढ़ाकर 6000 किया गया है इसके अतिरिक्त अन्य प्रकार के शुल्क वसूल किए जा रहे हैं जो पर्यटकों को लगातार मायूस करता है हाल ही में पिछले 3 महीने में 4 से अधिक शेरों व दो हाथियों की मृत्यु हो जाती है के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के साखू सागोन, कौरव की तथा टेंगन व डालफिस जैसी मछलियों की कालाबाजारी नदियों से बालू मोरंग का खनन से संबंधित जानकारियां प्रकाशन में आ रही है।
नेपाल देश का बॉर्डर जनपदों की सीमा होने के कारण तस्करों को बॉर्डर पर शक्ति ना बरते जाने के कारण तस्करी करने में आसानी हो जाती है। इसके अतिरिक्त अनेक ऐसे मामले भी हैं जो शासन प्रसाद व वन विभाग अधिकारियों के द्वारा दबाए व छुपाए गए हैं। जनपद लखीमपुर खीरी के विधानसभा कस्ता से बहुआयामी राजनीतिक दल के गठन होने के नाते हम आप सभी सम्मानित अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहेंगे।
जिसको लेकर बहुआयामी राजनीतिक दल के पदाधिकारी सुझाव व निम्न मांगे करती है।
1. दुधवा नेशनल पार्क संस्थापक अर्जुन बेबी के नाम से जू चिड़िया घर पार्क की स्थापना की जाए।
2. दुधवा नेशनल पार्क में बढ़ाए गए प्रवेश (1700 से 6000) शुल्क को कम किया जाए।
3. दुधवा नेशनल पार्क में विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण औषधि पौधों को देखते हुए सीएसआईआर शाखा प्रयोगशाला की स्थापना की जाए।
4. दुधवा नेशनल पार्क के निकट स्थापित रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण व रुकने, बैठने, ढहरने की उचित व्यवस्था की जाए।
5. दुधवा नेशनल पार्क में किए जा रहे जानवरों की तस्करी (हांथी दांत, शेर के नाखों, गेंडे की खाल, दो मुंहा सांप आदि) को तुरंत रुकवाया जाए।
6. दुधवा नेशनल पार्क में विलुप्त प्राय जातियों का पुनः संरक्षण तथा डॉल्फिन, घड़ियाल व कछुआ का प्रजनन व संरक्षण किया जाए
7. दुधवा नेशनल पार्क वन संपदा पर (चंदन, साखू, सागोन, कौरव आदि) की जा रही वनों की अंधाधुंध कटाई पर डीएफओ पर रोक लगाई जाए।
8. हाथी की सवारी (300Rs) पेड़ के मचान का शुल्क व बनाए गए म्यूजियम का अतिरिक्त शुल्क कम किया जाए।
9. दुधवा नेशनल के पार्क व गाड़ी पार्किंग का अतिरिक्त (100Rs से 500Rs तक) चार्ज वसूल करने पर रोक लगाई जाए।
10. दुधवा नेशनल पार्क विदेशी पर्यटकों के लिए बंद न किया जाय जब तक की बरसात या बाढ़ ना पर्यटकों के लिए खोला जाए।
11. वीडियोग्राफी बड़े और छोटे कैमरे पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क को वीडियोग्राफी निशुल्क की जाए।
12. दुधवा नेशनल पार्क की बनाई गई अधिकारिक वेबसाइट को पुनः अपडेट करवाया जाए।
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