बुधवार, 6 जुलाई 2022

बहुआयामी राजनीतिक पार्टी, हाल में युवाओं के लिए लाई गई अग्नीपथ रेजीमेंट योजना में बदलाव कराए जाने के संबंध में।

 सेवा में,

         महामहिम राष्ट्रपति महोदय भारत सरकार

         राज्यपाल उत्तर प्रदेश सरकार

         रक्षा मंत्रालय भारत सरकार

         गृह मंत्रालय भारत सरकार

         सचिवालय मुख्यमंत्री कार्यालय उत्तर प्रदेश सरकार

 

विषय: हाल में युवाओं के लिए लाई गई अग्नीपथ रेजीमेंट योजना में बदलाव कराए जाने के संबंध में।

 

महोदय/ महोदया

                      उच्च शैक्षिक समुदाय के द्वारा गठित बहुआयामी राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारियों के द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार हम आपका ध्यान अति महत्वपूर्ण विषय की ओर आकर्षित करना चाहेंगे

भारत सरकार के द्वारा हाल ही में लाई गई युवाओं के लिए अग्नीपथ योजना के तहत संपूर्ण भारत में फैल रही हिंसा को देखते हुए अग्नीपथ योजना में निम्नलिखित संशोधनों में कारण निवारण सहित युवाओं के हक में संशोधन की मांग करती है।

सरकार पत्रकार न्यूज़ चैनलों के द्वारा अग्नीपथ योजना को लेकर युवाओं के हक में लाभ गिनाए जा रहे हैं जिनमें निम्नलिखित विषयों को दुविधा में रखा गया है।

भारत सरकार के द्वारा सेना नियुक्ति अध्यादेश मैं सैनिकों के नियुक्ति के दौरान शपथ दिलाई जाती है जो गोपनीय होती है मात्र 4 वर्ष सर्विस देने के बाद सेवा निर्मित होने पर गोपनीय शपथ भंग हो जाने की संभावना है।

हाल ही में केंद्र सरकार के द्वारा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए यह अध्यादेश पारित किया गया कि वह सरकार के खिलाफ कोई लेख नहीं लिख सकेंगे और ना ही प्रकाशित करा सकेंगे ऐसे में 4 वर्ष पश्चात सैनिक पुनः शिक्षण के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे तो निश्चित तौर पर सैनिकों के हक अधिकार को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए अनेक प्रकार के लेख प्रकाशित कराएंगे जिस पर सरकार मौन है।

जब 18 साल आयु के युवाओं को सरकार चुनने का अधिकार होता है तो चुनकर जाने वाली सरकार 5 वर्ष शासन करती है फिर बगैर संसद विपक्षीदल की सहमति वह विपक्ष के कार्यकर्ताओं को समिति में शामिल किए हुए मात्र 4 वर्ष के लिए योजना लाना भ्रमित करते हुए प्रश्न खड़ा कर रहा है।

अग्नीपथ योजना के तहत सरकार के द्वारा अनेक प्रकार के लाभ फायदे गिनाए जा रहे हैं परंतु युवाओं की वेतन,उम्र,शिक्षा, कारोबार, तथा थल सेना, वायु सेना, नौसेना आदि अनेक प्रकार की समस्याओं को स्पष्ट नहीं किया गया है जिनको लेकर अनेक प्रकार के प्रश्न खड़े हो चुकी है पर सरकार स्पष्टीकरण देने में पूर्णतया नाकाम है।