बुधवार, 7 अगस्त 2024

1.काकोरी घटना मे से काकोरी कांड शब्द को हटवाने निष्कासन कराने के संबंध में। 2, काकोरी स्मृति उद्यान में लिए जा रहे प्रवेश शुल्क (श्रद्धांजलि को देखते हुए) को निशुल्क कराने के संबंध में।

                                पत्रांक

सेवा में,

   जिला अधिकारी महोदय लखनऊ

   जिला शासन-प्रशासन कार्यकारणी लखनऊ उत्तर प्रदेश

   सुझाव/आपत्ति पत्र

महोदय,

बहुआयामी राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारियों के द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार जानकारी निकल कर आ रही है कि आपके जनपद लखनऊ में बनाए गए शहीद स्मारक पार्क में अनेक प्रकार की नकारात्मक टिप्पणियां दिखाई दी हैं जो हमारे क्रांतिकारियों को सीधे तौर पर अपमानित करने का कार्य कर रही है उदाहरण के तौर पर आजाद भारत में काकोरी जैसी पटना को आज भी काकोरी कांड शब्द कहकर प्रयोग करना क्रांतिकारियों का अपमान होगा ठीक इसी प्रकार से भारत को आजाद सांस दिलाने के लिए पटना को अंजाम दिया गया उसके बावजूद क्रांतिकारियों की स्टेचू को काले रंग से पोता गया है जोकि अपमानित करने का कार्य है। ठीक इसी प्रकार से हरदोई रोड दुबग्गा के निकट स्थापित काकोरी स्मृति उद्यान में श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए जाने वाले साथी से भी प्रवेश शुल्क वसूल किया जा रहा है ऐसे में यदि क्रांतिकारियों के नाम से ही शुल्क वसूली धंधे बिजनेस किए जाएंगे तो नई पीढ़ी की मानसिकता पर एक बड़ा प्रश्न खड़ा हो रहा है और भविष्य में कौन ऐसे युवा होंगे जो उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचेंगे इस तरीके से आने वाली नई युवा पीढ़ियों का लगाव दिन पर दिन क्रांतिकारियों से दूर होता चला जा रहा है जो एक निराशाजनक संदेश प्रेषित कर रहा है सुझाव के तौर पर काकोरी घटना देश आजादी हित में धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत में भारत के लिए सरकारी खजाने को लूटना भारत के हित में गैरकानूनी नहीं हो सकता ऐसे में अनेक क्रांतिकारियों को सजा-ए-मौत व उम्र कैद तक की सजा हुई और आज उस स्थल पर रेलवे ट्रैक को पार्क से बाहर रखा गया है जबकि रेलवे यातायात नियमों का पालन करते हुए ट्रैक को पार्क के अंदर या ट्रैक के दूसरे और पाक का भी संचालन होना चाहिए और घटने की झांकी प्रस्तुत होनी चाहिए और इस घटना में विलीन समस्त क्रांतिकारियों को अधिकारिक तौर पर क्रांतिकारी का दर्जा मिलना चाहिए पर आज तक अनेक ऐसे क्रांतिकारी हुए जिनको अधिकारिक तौर पर क्रांतिकारी का दर्जा प्राप्त नहीं हो सका यह बहुत ही निराशा जनक है। अतः बहुआयामी राजनीतिक पार्टी के माध्यम से हमारी शासन प्रशासन से मांग, अनुरोध व निवेदन है कि समाज हित में युवाओं का क्रांतिकारियों के प्रति स्नेह को देखते हुए क्रांतिकारियों के सम्मान को शामिल कराते हुए क्रांतिकारियों की मूर्तियों को सुनहरे रंग से पुतवाने तथा काकोरी घटना से कांड शब्द को हटवाने व काकोरी स्मृति उद्यान में जा रहे श्रद्धांजलि के लिए प्रवेश को निशुल्क किया जाए



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