शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025

वक्फ़ अधिनियम 1995/ 2013 की धाराओं का संरक्षण, जैसा की भारतीय संविधान में उल्लेखित है

 सेवा में, 

माननीय राष्ट्रपति महोदय/ महोदया 

भारत के महामहीम 


विषय: वक्फ़ अधिनियम 1995/ 2013 की धाराओं का संरक्षण, जैसा की भारतीय संविधान में उल्लेखित है



सुझाव हेतु

यदि आवश्यक हो तो नेशनल एंडोमेंट कमिश्नरेट /राष्ट्रीय धर्मार्थ बंदोबस्ती निकाय की स्थापना  की जा सकती है जिसमें भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) को पर्यवेक्षक के रूप में शामिल किया जा सकता है 

 

मान्यवर, महोदया 

                        भारत देश के अल्पसंख्यकों की वर्तमान हालात की वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए आपका ध्यान आकर्षित करना चाहेंगे 

चूंकि आप देश के राष्ट्रपति और संविधान के संरक्षक देश के मार्गदर्शक हैं हम आपसे एक राजनीतिक दल के शैक्षिक समुदाय के माध्यम से अनुरोध करना चाहते हैं कि आप कृपया उपरोक्त विषय पर आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने का कष्ट करें ताकि भारत के संविधान के भाग (III) में उल्लेखित मौलिक अधिकारों की धाराएं 14, 15, 26, 29 और 30 के अंतर्गत उल्लंघन पर उचित ध्यान आकर्षित कराया जा सके

जो कि संभवतह भारत के संविधान की प्रस्तावना के साथ छेड़छाड़ व खिलवाड़ होगा 


वर्तमान सदन की कार्यप्रणाली देश की अल्पसंख्यक विरोधी राजनीति को देखते हुए हमें ऐसा महसूस हो रहा है कि प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 इन धाराओं का उल्लंघन करता दिखाई दे रहा है और इसमें खासकर मुस्लिम समुदाय के अधिकार प्रभावित होने की संभावना है  


JPC जेपीसी पार्लियामेंट्री जॉइन कमेटी मीटिंग के द्वारा प्रस्तावित राज्यसभा सदन के माध्यम से संशोधन में कृपया निम्न बिंदुओं पर विचार करने का कष्ट किया जाए 


वर्तमान सत्ता पक्ष भाजपा सरकार 2024 लोकसभा चुनाव के एजेंडे में 400 पार का नारा देते हुए वक्फ बोर्ड को खत्म कराए जाने की वोटरों पर भारी भरकम जोर दिया गया, पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से ऐसे लिखो का प्रकाशन किया जा रहा है जिसमें वक्फ बोर्ड के द्वारा किसी भी संपत्ति को कब्जा या हाईजैक करने की बात की जा रही है जबकि इसका कोई सटीक प्रमाण जवाब देही नहीं है 

ऐसे में BJP सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक 2024 अनावश्यक और एक एक व्यर्थ सोची समझी साजिश के तहत लम्बी दूरी का मात्र राजनीतिक मुद्दा है 


उत्तर प्रदेश BJP योगी सरकार के द्वारा लंबे समय से शिया सुन्नी वक्फ़ बोर्ड मर्ज कराए जाने की बात की जाती रही है जबकि

पूरी तरह धार्मिक वक्फ़ संपत्तियों को (UMEED) नाम देने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि (AIMS) पहले से ही क्रियान्वयन के लिए मौजूद है



उत्तरा खंड BJP धामी सरकार सैकड़ो मस्जिद मजारों दरगाहों को यह कहते हुए तोड़ा जा रहा है कि यह गैर कानूनी हैं भारत की आजादी 1947 के समय बनी मस्जिदें सोचनीय है जबकि नया नियम लागू कर इनका वेध भी किया जा सकता है 

यह वक्फ विधायक 2024 केवल मुस्लिम समुदाय को प्रभावित करेगा जबकि अन्य अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक धर्म हिंदू देवी देवताओं के धार्मिक स्थल पर संपत्तियों के लिए कोई कानून प्रस्तावित नहीं किया गया है जो की कानूनी तौर पे समानता के नियम का उल्लंघन है




लाखों ऐसी वक्फ की संपत्तियों जिनको वक्फ किया गया था यह कहते हुए खाली कराया जा रहा है कि इसकी दाखिल खारिज खसरा खतौनी य जगह की गूगल मैपिंग नहीं है जबकि आजादी से पूर्व ऐसी कोई प्रक्रिया अपनाई नहीं जा रही थी 

भारत में ऐसे कई मामले ज्ञात हैं जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा सीधे तौर पर यह कहा गया है कि वक्फ पूरी तरह से धार्मिक होता है और इसकी संपत्तियां हमेशा के लिए ईश्वर के नाम पर समर्पित होती हैं जहां पर समाज के उत्थान के लिए धार्मिक कार्य किए जाते हैं  



उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ जहां सचिवालय मुख्यमंत्री कार्यालय भी वक्फ की संपत्ति पर है उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड ने कभी भी इस संपत्ति को खाली कराए जाने की मांग नहीं की 

यह भी निर्देशित है कि जो संपत्ति एक बार ईश्वर के नाम पर वक्फ कर दी जाती है उसे आगे स्थानांतरित नहीं किया जा सकता क्योंकि ईश्वर की कोई भौतिक उपस्थित नहीं होती जो उसे स्थानांतरण की स्वीकृत दे सके इसलिए संविधान के अनुच्छेद 300A के तहत निजी वक्फ संपत्तियों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए



उत्तर प्रदेश में सैकड़ो ऐसे मंदिर हैं जहां पर करोड़ों की फंडिंग हो रही है मंदिर की कार्यकारिणी कमेटी समिति में किसी भी दलित या मुस्लिम अल्पसंख्यक समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं है फिर भी धार्मिक समुदाय अपनी संपत्तियों का स्वतंत्र रूप से प्रबंधन करते हैं जब कोई गैर हिंदू /हिंदू धार्मिक संस्थाओं के प्रशासन में हस्तक्षेप नहीं कर सकता तो वक्फ के मामलों में गैर मुसलमानो को शामिल करना मुस्लिम समुदाय के लिए चिंता व राजनीतिक दबाव का विषय है 


हम सभी भारतीय नागरिक खासकर अल्पसंख्यक आपसे विनम्रता पूर्वक अनुरोध व मांग करते हैं RSS, BJP की शंका भारी राजनीति को ध्यान में रखते हुए इन उपरोक्त सभी बिंदुओं पर गंभीरता पूर्वक चिंतन मनन करने का कष्ट किया जाए            




कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

सूचनार्थ बहुआयामी पार्टी दल का सदस्यता अभियान

 सेवा में, समस्त जनपद जिलाधिकारी उत्तर प्रदेश समस्त जनपद पुलिस अधीक्षक उत्तर प्रदेश सूचनार्थ बहुआयामी पार्टी दल का सदस्यता अभियान सर्वधारण क...